गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2023), जिसे विनायक चतुर्थी या गणेशोत्सव भी कहा जाता है. एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जिसे पूरे देश में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है. यह उत्सव भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है, जो एक पूजनीय हिंदू देवता हैं, जिन्हें ज्ञान, धन और नई शुरुआत के देवता और भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र के रूप में भी जाना जाता है. भारत के विभिन्न हिस्सों में, विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गोवा राज्यों में, भगवान गणेश को नई शुरुआत के प्रतीक, बाधाओं को दूर करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है.
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गणेश चतुर्थी 2023 कब है? (When Is Ganesh Chaturthi 2023)
Is Ganesh Chaturthi on September 18 or September 19/ istock
भगवान गणेश को विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे – गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड, सिद्धि विनायक आदि. ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी का पर्व ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है. 10 दिनों तक चलने वाले उत्सव को मनाने के लिए विशाल गणेश मूर्तियाँ बनाई जाती हैं और सुंदर पंडाल सजाए जाते हैं. त्योहार के आखिरी दिन अनंत चतुर्दशी पर, जिसे गणेश विसर्जन दिवस के रूप में भी जाना जाता है, इस दिन ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकाले जाते हैं और पारंपरिक रूप से गणपति मूर्तियों को पानी में विसर्जित किया जाता है.
हाल ही के वर्षों मे त्योहार के पर्यावरणीय प्रभाव, विशेष रूप से गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से बनी मूर्तियों के विसर्जन के बारे में जागरूकता बढ़ रही है. मिट्टी की मूर्तियों का उपयोग करके और जल प्रदूषण को कम करके पर्यावरण-अनुकूल उत्सवों को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है.
चूंकि गणेश चतुर्थी 2023 नजदीक है और देश भर में भक्त त्योहार की तैयारी शुरू कर चुके हैं, लेकिन रक्षाबंधन और जन्माष्टमी के बाद अब गणेश चतुर्थी 2023 की सही तारीख को लेकर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि सटीक तारीख को लेकर कुछ भ्रम हो सकता है, मगर हम यहां आपको सबसे सटीक जानकारी प्रदान कर रहे हैं.
गणेश चतुर्थी 18 सितंबर को है या 19 सितंबर को? (Is Ganesh Chaturthi on September 18th or September 19th?)
Is Ganesh Chaturthi on September 18 or September 19/ istock
इस साल रक्षाबंधन और कृष्ण जन्माष्टमी की तरह गणेश चतुर्थी का त्योहार 18 सितंबर से शुरू होगा या 19 सितंबर को, इसे लेकर लोग असमंजस में हैं. गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्म के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस महत्वपूर्ण अवसर पर, भगवान गणेश को ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के दिव्य अवतार के रूप में पूजा जाता है. शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि में हुआ था. वर्तमान समय में, गणेश चतुर्थी आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितंबर में आती है.
2023 में गणेश चतुर्थी का 10 दिवसीय त्योहार मंगलवार, 19 सितंबर, 2023 से शुरू होने जा रहा है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, विनायक चतुर्दशी 2023, 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे शुरू होगी और 19 सितंबर को शाम 8:43 पर समाप्त होगी.
Ganesh Chaturthi 2023: Date, Time, and Shubh Muhurat (गणेश चतुर्थी 2023 तिथि, समय और शुभ मुहूर्त)
गणेश चतुर्थी 2023 | 19 सितंबर 2023, मंगलवार |
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गणेश पूजा मुहूर्त 2023 | सुबह 11 बजकर 1 मिनट से दोपहर 1 बजकर 28 मिनट तक |
गणेश विसर्जन 2023 | 28 सितंबर 2023, गुरुवार |
चतुर्थी तिथि प्रारंभ | 18 सितंबर 2023 दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से |
चतुर्थी तिथि समाप्त | 19 सितंबर 2023 दोपहर 1 बजकर 43 मिनट तक |
वर्जित चंद्रदर्शन का समय | 18 सितंबर दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से रात्रि 8 बजकर 10 मिनट तक |
गणेश चतुर्थी का इतिहास (Ganesh Chaturthi History In Hindi)
Is Ganesh Chaturthi on September 18 or September 19/ istock
हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान गणेश को भगवान शिव और देवी पार्वती का पुत्र माना जाता है. प्राचीन कथा के अनुसार, एक दिन जब देवी पार्वती स्नान करने जा रही थीं, तो उन्होंने द्वार की रक्षा के लिए अपने शरीर से निकले हल्दी के उबटन से एक पुतला बना दिया था और उसमें प्राण डाल दिए थे. उसका नाम गणेश रख दिया और दरवाजे की रक्षा करने के लिए कहा और वह इतने वफादार थे कि जब भगवान शिव आए, तो उन्होंने उन्हें प्रवेश करने से भी रोक दिया. उस वक्त दोनों एक दूसरे को नहीं जानते थे. भगवान शिव वास्तव में क्रोधित हो गये और उन्होंने बालक का सिर धड़ से अलग कर दिया. जब माता पार्वती बाहर आईं और उन्होंने गणेश जी को देखा तो क्रोधित होकर उन्होंने धमकी दी कि अगर वह गणेश को वापस नहीं लाएंगे तो वह ब्रह्मांड को नष्ट कर देंगी.
भगवान शिव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपने सैनिकों को जंगल में सबसे पहले देखे गए जानवर का सिर लाने के लिए भेजा. सैनिकों को जंगल में सबसे पहले हाथी दिखा और वे उसका सिर ले आए जिसे बाद में गणेश के शरीर के ऊपर रख दिया गया. फिर शिव जी ने भी उन्हें अपने पुत्र के रूप में स्वीकार कर लिया. यही कारण है कि भगवान गणेश को हमेशा हाथी के सिर, शक्तिशाली शरीर और 4 भुजाओं के साथ ही चित्रित किया जाता है. भगवान गणेश, जिन्हें सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है, लोगों के भाग्य को बदलने और उनके जीवन पथ से आपदाओं और बाधाओं को दूर करने के लिए उनकी पूजा की जाती है.
गणेश चतुर्थी का उत्सव (Celebration of Ganesh Chaturthi )
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पौराणिक कथा के अनुसार, गणेश चतुर्थी का उत्सव पहली बार मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के समय आयोजित किया गया था, ताकि मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सके और राष्ट्रवाद की भावनाओं को प्रोत्साहित किया जा सके. गणेश चतुर्थी की इस परंपरा को वर्ष 1893 में बाल गंगाधर तिलक द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए वापस में मनाया गया था.
गणेश चतुर्थी 10 दिनों तक क्यों मनाई जाती है? (Why Ganeshotsav Is Celebrated For 10 Days)
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बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी के पर्व को निजी से भव्य रूप में बदल दिया. उन्होंने पुणे में एक सार्वजनिक बैठक की जिसमें उन्होंने निर्णय लिया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी (अनंत चतुर्दशी) तक गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. उसके बाद गणेशोत्सव पूरे देश में मनाया जाने लगा लेकिन यह विशेष रूप से महाराष्ट्र में लोकप्रिय है. महाराष्ट्र से गणेश चतुर्थी का उत्सव धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया. प्रसिद्ध लालबागचा राजा गणेश की मूर्ति गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान मुंबई के लालबाग का गौरव है.
गणेश चतुर्थी विशेष: मोदक रेसिपी (Ganesh Chaturthi Special: Modak Recipe)
Is Ganesh Chaturthi on September 18 or September 19/ istock
इस साल गणेश चतुर्थी पर आप आसानी से बनने वाले माइक्रोवेव वर्ज़न वाले मोदक को आज़माएँ. गणपति बप्पा मोरिया!
आवश्यक सामग्री:
1 कप मिल्क पाउडर
1 अनसॉल्टेड मक्खन की टिक्की
1/2 कैन Condensed Milk
1 चुटकी कुटी हुई इलायची
तरीका:
• मक्खन को माइक्रोवेव-सुरक्षित कटोरे में डालें और पिघलने दें.
• जब मक्खन पिघल जाए तो इसमें मिल्क पाउडर डालें.
• इसमें कंडेंस्ड मिल्क भी मिलाएं.
• अच्छी तरह से चलाएं, फिर 3 मिनट के लिए माइक्रोवेव करें और हर 1 मिनट बाद रुकें और फिर चलाएं.
• 3 मिनट बाद इसमें कुटी हुई इलायची डालें.
• मिश्रण को थोड़ा ठंडा होने दें. एक बार जब आप मिश्रण थोड़ा ठंडा हो जाए तो उसे “मोदक” का आकार देने लगे और बादाम से गार्निश करें.
अन्य शहरों में गणेश चतुर्थी 2023 पूजन और स्थापना मुहूर्त
पुणे | 19 सितंबर, 11:15 AM से 01:41 PM |
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नई दिल्ली | 11:01 AM से 01:28 PM |
चेन्नई | 10:50 AM से 01:16 PM |
जयपुर | 11:07 AM से 01:34 PM |
हैदराबाद | 10:57 AM से 01:23 PM |
गुरुग्राम | 11:02 AM से 01:29 PM |
चंडीगढ़ | 11:03 AM से 01:30 PM |
कोलकाता | 10:17 AM से 12:44 PM |
मुंबई | 11:19 AM से 01:43 PM |
बैंगलोर | 11:01 AM से 01:26 PM |
अहमदाबाद | 11:20 AM से 01:43 PM |
नोएडा | 11:01 AM से 01:28 PM |