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Saturday, July 6, 2024

पाकिस्तानी हैकर्स कर रहे हैं भारतीयों की जासूसी, बचने के लिए फोन से ये 3 Apps तुरंत करें डिलीट

धमाकों से आतंक फैलाने की सोच रखने वाले आतंकियों ने अब ड्रग्स के बाद साइबर हैकिंग (Cyber Attack) को अपना नया हथियार बनाना शुरू कर दिया है. जी हां, इसी तरह के आतंक को फैलाने के लिए पाकिस्तानी हैकर्स हमारे देश पर एक अलग तरह से निशाना साध रहे हैं. ये पाकिस्तानी हैकर्स भारतीय एंड्रॉयड यूजर्स (Android Users on Target of Pakistani Hackers) को निशाना बना रहे हैं. 

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हैकर्स इंडियन एंड्रॉयड यूजर्स को कैसे बना रहे निशाना?

Hackers Are Selling The Source Code Of Riot Games
Unsplash

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में सामने आई जानकारी के मुताबिक, हैकर्स भारत में पॉपुलर कुछ ऐप्स के मिलते जुलते फर्जी ऐप बनाकर इंडियन यूजर्स के फोन में वायरस पहुंचा रहे हैं और इसके बाद उनकी जासूसी कर रहे हैं. ऐसे में आपको भी ये सुनिश्चित करना पड़ेगा कि कहीं आप भी इस तरह की किसी हैकिंग का शिकार तो नहीं हो रहे. इन पाकिस्तानी हैकर्स के जाल से बचने का तरीका भी बताया गया है. इस जानकारी से आप जान पाएंगे कि किस तरह पाकिस्तानी हैकर्स भारतीय एंड्रॉयड यूजर्स को अपने निशाने पर ले रहे हैं और किस तरीके से उनकी पर्सनल जानकारी चुरा रहे हैं.

YouTube App Clones

के माध्यम से कैसे हो रही जासूसी? 

बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी हैकर्स ट्रांसपेरेंट ट्राइब भारतीय एंड्रॉयड यूजर्स के मोबाइल में CapraRAT की मदद से घुसपैठ कर रहे हैं. CapraRAT यूट्यूब की नकल का एक फर्जी ऐप है. जिसे ये हैकर्स भारतीय एंड्रॉयड यूजर्स के मोबाइल में इंस्टॉल कर रहे हैं. इसके बाद इसकी मदद से उनके पास एंड्रॉयड मोबाइल का रिमोट एक्सेस आ जाता है.

पाकिस्तानी हैकर्स के समूह कश्मीर मामलों से जुड़े लोग और पाकिस्तान से संबंधित मामलों पर मानवाधिकार का काम करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ CapraRAT मोबाइल रिमोट एक्सेस ट्रोजन के जरिए जासूसी कर रहे हैं. सुरक्षा शोधकर्ता एलेक्स डेलामोटे के अनुसार CapraRAT अत्यधिक आक्रामक मैलवेयर है, जो एंड्रॉयड डिवाइस में घुसपैठ करके सारा डेटा चुरा लेता है.

वो कौन से Apps हैं, जिन्हें हमें तुरंत डिलीट कर देना चाहिए?

Hackers Selling Personal Data Of 150,000 Patients From TN Hospital On Dark Web
Pexels

टेक एक्सपर्ट के मुताबिक, ये खतरनाक ऐप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद नहीं है. पाकिस्तानी हैकर्स इस ऐप को इंस्टॉल करने के लिए सोशल मीडिया और दूसरी वेबसाइट की मदद ले  रहे हैं. जहां इसे इंस्टॉल करने के लिए ये लुभावना लालच देते हैं. जैसे ही CapraRAT आपके एंड्रॉयड मोबाइल में इंस्टॉल हो जाता हैं, वैसे ही आपकी डिवाइस का एक्सेस पाकिस्तानी हैकर्स के पास पहुंच जाता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार CapraRAT टूस के जरिए हैकर्स का काम कश्मीरी ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट पर नजर और उनकी जासूसी करना है. अगर आपके फोन में com.Base.media.service, com.videos.watchs.share, या com.moves.media.tubes जैसे ऐप्स हैं तो फोन से इन्हें तुरंत डिलीट कर दें. अगर आपके फोन में ये नहीं भी हैं तब भी सुरक्षित रहने के लिए आपको ध्यान रखना है कि आप इन ऐप्स को गलती से भी इंस्टॉल या डाउनलोड ना करें. 

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